बाबा रामदेव ने लगता है अब कमर कस ली है। बाबा ने पतंजलि योगपीठ के माध्यम से देश और दुनिया भर के लोगों को योग की ओर जोड़ने के बाद एक नया अभियान हाथ में लिया है। बाबा रामदेव ने 'भारत स्वाभिमान ट्रस्ट' के नाम से एक ट्रस्ट का गठन कर देश भर में सत्ता में बैठे भ्रष्ट और बेईमान नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का शंखनाद किया है। कर्नाटक के बेलगाम में चल रहे योग शिविर में बाबा रामदेव ने घोषणा की है कि अब वे लोगों को योग सिखाने के साथ साथ देश को इन भ्रष्टाचारियों से मुक्त करने का अभियान भी चलाएंगे। बाबा ने इसके लिए दिल्ली में विधिवत रूप से भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का पंजीयन करा लिया है। ट्रस्ट के माध्यम से देश भर के हर जिले में समितियों का गठन किया जाएगा जो देश के आम आदमीके हक के लिए लड़ाई लड़ेगी।
बेलगाम में चल रहे अपने योग शिविर में बाबा रामदेव ने कहा कि हम हमारे इन तथाककथित जन प्रतिनिधियों से किसी तरह का जवाब मांगने की जरुरत नहीं, अब समय आ गया है कि उनके कामों का हिसाब मांगे। बाबा रामदेव ने कहा कि देश का करोड़ों रुपया हमारे राजनेता और भ्रष्ट अधिकारी खा जाते हैं। उन्होंने एक विश्वेषण करते हुए बताया कि देश भर के लोगों से जो 15 से 20 लाख करोड़ रुपया कर के रूप में सरकारें वसूल करती है, अगर यही धनराशि देश भर के हर जिले को बराबरी से बाँट दी जाए तो हर जिले को प्रतिदिन 4 करोड़ रुपया मिलेगा, और इस राशि से एक ही दिन में देश के सभी जिलों की कायापलट हो सकती है। मगर यह सब धन राजनेता और भ्रष्ट अधिकारी डकार जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब बेलगाम से शुरु हुआ स्वाभिमान आंदोलन का यह बेलगाम रथ इन भ्रष्टाचारियों को कुचल कर ही दम लेगा।
बाबा रामदेव ने कहा कि देश की दोनों संसदों में कुल मिलाकर 787 सांसद हैं और इनमें से मात्र 60-70 ही ईमानदार हैं बाकी सभी भ्रष्ट हैं। एक सांसद पर एक साल में 2 करोड़ रुपया खर्च हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश के 100-200 लोग मिलकर देश के 100 करोड़ लोगों को लूट रहे हैं। ये वो ही लोग हैं जिनकी वजह से लाल बहादुर शास्त्री जैसे ईमानदार प्रधान मंत्री की जान गई, भगत सिंह को फाँसी दी गई और सुभाष चंद्र बोस का आज तक पता नहीं चल पाया है।
बाबा रामदेव ने कहा कि अंग्रेजों ने देश के किसानों को लूटने के लिए कलेक्टर का पद बनाया था, अब ये कलेक्टर सत्ता में बैठे राजनीतिज्ञों के इशारों पर देश की जनता को, औम किसानों को लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक आदमी पर 64 तरह के करों का बोझ लादा गया है, जब देश का एक आम आदमी अपन कर ईमानदारी से भरता है तो फिर ये सारा धन कहाँ चला जाता है।
उन्होंने एक विश्लेषण करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के बजट में हर साल एक से दो लाख करोड़ रुपये की वृध्दि हो जाती है, आने वाले 5 सालों में यह राशि बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। हम भारत स्वाभिमान के बैनर तले सरकार से, सरकार में बैठे मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रधान मंत्री से हिसाब मांगेंगे कि यह पैसा जाता कहाँ हैं। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का ही नतीजा है कि आजादी के 60 साल के बाद भी देश की जनता को पानी, बिजली और सड़कों तक की सुविधा नहीं मिल पाई है। भ्रष्ट व्यवस्था की वजह से शहरों में ट्रेफिक जाम में खड़ी गाडियों की वजह से हर साल देश का 50 प्रतिशत ईंधन, जिसकी लागत डेढ़ लाख करोड़ रुपये आती है, फालतू जल जाता है और इससे प्रदूषण बढ़ता है वह अलग।
उन्होंने कहा कि इस देश की सारी शिक्षा व्यवस्था 5 प्रतिशत अंग्रेजी बोलने वालों के लिए समर्पित कर दी गई है। हिन्दी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली जैसी अपनी मातृ भाषा बोलने वाले देश के आम लोगों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। इस शिक्षा व्यवस्था की वजह से एक गरीब किसान का यम मजदूर का बेटा कभी आईएएस या आईपीएस नहीं बन पाता है। पाँच प्रतिशत अंग्रेजी जानने वाले 95 प्रतिशत लोगों पर राज कर रहे हैं।
बाबा ने कहा कि देश में 9 करोड़ हैक्टेयर जमीन पानी के अभाव में बंजर पड़ी है, लेकिन सरकारों को इस बात की कोई फिक्र नहीं है। हर कोई अपनी कुर्सी बचाने में लगा है। जिन लोगों को सलाखों के पीछे होना था वे मंत्री, विधायक और सांसद होकर संसद की शोभा बढ़ा रहे हैं।
बाब ने कहा कि जब से मैने योग के साथ साथ इन भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ बोलना शुरु किया है, तबसे मुझे किसी राजनेता या मंत्री का कोई फोन नहीं आ रहा है। पहले ये लोग आए दिन मुझसे मिलने को संपर्क करते रहते थे, लेकिन लगता है अब ये देख रहे हैं कि मैं क्या करना चाहता हूँ, तो मैं उनको बता देना चाहता हूँ कि अब में लोगों के स्वास्थ्य के साथ साथ इस देश का स्वास्थ्य भी ठीक करना चाहता हूँ ताकि भ्रष्ट मंत्री और नेता ज्यादा दिन तक लोगों को नहीं लूट सके।
बेलगाम में चल रहे अपने योग शिविर में बाबा रामदेव ने कहा कि हम हमारे इन तथाककथित जन प्रतिनिधियों से किसी तरह का जवाब मांगने की जरुरत नहीं, अब समय आ गया है कि उनके कामों का हिसाब मांगे। बाबा रामदेव ने कहा कि देश का करोड़ों रुपया हमारे राजनेता और भ्रष्ट अधिकारी खा जाते हैं। उन्होंने एक विश्वेषण करते हुए बताया कि देश भर के लोगों से जो 15 से 20 लाख करोड़ रुपया कर के रूप में सरकारें वसूल करती है, अगर यही धनराशि देश भर के हर जिले को बराबरी से बाँट दी जाए तो हर जिले को प्रतिदिन 4 करोड़ रुपया मिलेगा, और इस राशि से एक ही दिन में देश के सभी जिलों की कायापलट हो सकती है। मगर यह सब धन राजनेता और भ्रष्ट अधिकारी डकार जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब बेलगाम से शुरु हुआ स्वाभिमान आंदोलन का यह बेलगाम रथ इन भ्रष्टाचारियों को कुचल कर ही दम लेगा।
बाबा रामदेव ने कहा कि देश की दोनों संसदों में कुल मिलाकर 787 सांसद हैं और इनमें से मात्र 60-70 ही ईमानदार हैं बाकी सभी भ्रष्ट हैं। एक सांसद पर एक साल में 2 करोड़ रुपया खर्च हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश के 100-200 लोग मिलकर देश के 100 करोड़ लोगों को लूट रहे हैं। ये वो ही लोग हैं जिनकी वजह से लाल बहादुर शास्त्री जैसे ईमानदार प्रधान मंत्री की जान गई, भगत सिंह को फाँसी दी गई और सुभाष चंद्र बोस का आज तक पता नहीं चल पाया है।
बाबा रामदेव ने कहा कि अंग्रेजों ने देश के किसानों को लूटने के लिए कलेक्टर का पद बनाया था, अब ये कलेक्टर सत्ता में बैठे राजनीतिज्ञों के इशारों पर देश की जनता को, औम किसानों को लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक आदमी पर 64 तरह के करों का बोझ लादा गया है, जब देश का एक आम आदमी अपन कर ईमानदारी से भरता है तो फिर ये सारा धन कहाँ चला जाता है।
उन्होंने एक विश्लेषण करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के बजट में हर साल एक से दो लाख करोड़ रुपये की वृध्दि हो जाती है, आने वाले 5 सालों में यह राशि बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। हम भारत स्वाभिमान के बैनर तले सरकार से, सरकार में बैठे मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रधान मंत्री से हिसाब मांगेंगे कि यह पैसा जाता कहाँ हैं। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का ही नतीजा है कि आजादी के 60 साल के बाद भी देश की जनता को पानी, बिजली और सड़कों तक की सुविधा नहीं मिल पाई है। भ्रष्ट व्यवस्था की वजह से शहरों में ट्रेफिक जाम में खड़ी गाडियों की वजह से हर साल देश का 50 प्रतिशत ईंधन, जिसकी लागत डेढ़ लाख करोड़ रुपये आती है, फालतू जल जाता है और इससे प्रदूषण बढ़ता है वह अलग।
उन्होंने कहा कि इस देश की सारी शिक्षा व्यवस्था 5 प्रतिशत अंग्रेजी बोलने वालों के लिए समर्पित कर दी गई है। हिन्दी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली जैसी अपनी मातृ भाषा बोलने वाले देश के आम लोगों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। इस शिक्षा व्यवस्था की वजह से एक गरीब किसान का यम मजदूर का बेटा कभी आईएएस या आईपीएस नहीं बन पाता है। पाँच प्रतिशत अंग्रेजी जानने वाले 95 प्रतिशत लोगों पर राज कर रहे हैं।
बाबा ने कहा कि देश में 9 करोड़ हैक्टेयर जमीन पानी के अभाव में बंजर पड़ी है, लेकिन सरकारों को इस बात की कोई फिक्र नहीं है। हर कोई अपनी कुर्सी बचाने में लगा है। जिन लोगों को सलाखों के पीछे होना था वे मंत्री, विधायक और सांसद होकर संसद की शोभा बढ़ा रहे हैं।
बाब ने कहा कि जब से मैने योग के साथ साथ इन भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ बोलना शुरु किया है, तबसे मुझे किसी राजनेता या मंत्री का कोई फोन नहीं आ रहा है। पहले ये लोग आए दिन मुझसे मिलने को संपर्क करते रहते थे, लेकिन लगता है अब ये देख रहे हैं कि मैं क्या करना चाहता हूँ, तो मैं उनको बता देना चाहता हूँ कि अब में लोगों के स्वास्थ्य के साथ साथ इस देश का स्वास्थ्य भी ठीक करना चाहता हूँ ताकि भ्रष्ट मंत्री और नेता ज्यादा दिन तक लोगों को नहीं लूट सके।